के सामने है ... आप सभी के प्यार औरआशीर्वाद का आकांक्षी हूँ ....
ये मुख़्तसर सी जि़ंदगी है क्या करे कोई ।
है सांस आखिरी बची दुआ करे कोई ॥
घुटन है जिन्दगी ये फिर भी जी रहा हूं मैं ।
क्युं आखिरी में बात बेमजा करे कोई ॥
मिले हैं मौत से तो झूम कर के हम गले ।
बला से अपने जिन्दगी कहा करे कोई ॥
यकीन है वो आयेगा जरूर लौट कर ।
उसीके इन्तजार में जिया करे कोई ॥
कला तो सीखते हैं जिन्दगी की सब यहां ।
अदब से मौत का भी सामना करे कोई ॥
किसे रहे थे अर्श ढूंढ ख्वाब में भला ।
ये नींद टूटने पे क्या पता करे कोई ॥
प्रकाश'अर्श'
२९/०२/२००९
है सांस आखिरी बची दुआ करे कोई ॥
घुटन है जिन्दगी ये फिर भी जी रहा हूं मैं ।
क्युं आखिरी में बात बेमजा करे कोई ॥
मिले हैं मौत से तो झूम कर के हम गले ।
बला से अपने जिन्दगी कहा करे कोई ॥
यकीन है वो आयेगा जरूर लौट कर ।
उसीके इन्तजार में जिया करे कोई ॥
कला तो सीखते हैं जिन्दगी की सब यहां ।
अदब से मौत का भी सामना करे कोई ॥
किसे रहे थे अर्श ढूंढ ख्वाब में भला ।
ये नींद टूटने पे क्या पता करे कोई ॥
प्रकाश'अर्श'
२९/०२/२००९