Saturday, January 1, 2011

स्वर्णिम घड़ी का साक्षी


नव वर्ष की मंगल कामनाएं !

उंगलियाँ सूज गई हैं और बेतरतीब सी गर्मी है यहाँ पर अर्श , यही कहा था आपने मुझे ... उस क्षण से लेकर अभी तक का लंबा सफ़र ! ये सोचता भी हूँ तो एक गहरी सांस लेता हूँ ! बात हो रही है मित्रों ये वो सहर तो नहीं उपन्यास को लिखने की शुरुयात से लेकर उसके नव लेखन के ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने तक के सफ़र का !
साल ने जाते जाते एक ऐसी ख़ुशी दी जिस ख़ुशी की सूचना जब उन्हें दी गई तो आँखें डबडबा गईं थी, और एक ऐसी ऊर्जा पूरे बदन में दौड़ी थी की उस की झनझनाहट पूरे शहर को एक नयी सहर में तब्दील कर दी थी! इस उपन्यास के बारे में मैं अदना क्या कहूँ जब इसके बारे में डा.नामवर सिंह,
चित्रा दी , रविन्द्र कालिया जी जैसे गुणी और देश के चोटी के लेखक प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे ! डा. नामवर सिंह जी ने जहाँ दूरदर्शिता की बात की पुराने कहानीकारों के कहानियों से उपन्यास जैसे एक ऐसा माध्यम को चुनना इतनी कम उम्र में और खुद को साबित कर देना कि अब का साहित्यकार मैं हूँ ! ऐसे शब्द सुनने के बाद कौन खुद पर गर्व नहीं करेगा ! जब चित्रा दी ने दो युगों को एक साथ तुलनात्मक वर्णन करने की नई परम्परा को जन्म देने वाला कहा वहीँ रविन्द्र कालिया जी कुछ भी न कह पाने की स्थिति में थे क्यूंकि शब्द कम पड़ गए !
अहा क्या शाम थी, और मैं खुद को भी बड़ा सौभाग्यशाली समझता हूँ, की मैं इस अविश्मरनिया पल का हिस्सा बना !२८ की देर रात २ बजे पहुंचे घर पर , ठण्ड ऐसी थी की हड्डियों में छेद हो जाए! सुबह तैयार होकर शार्दूला दी से मिलने गए नजदीक ही रहती हैं वो, मै यहाँ दुर्भाग्य से जा न सका और मिलने का मौक़ा गवां दिया! प्रगति मैदान के वी आइ पी लाउन्ज में पहले से ही सुलभ पहुँच चुका था , मैं भी पहुंचा फिर कॉफी पीने गए हम, कार्यक्रम शुरू होने के तुरंत पहले
एक ऐसे शख्स से मिला जो आज के समय का सबसे पसंदीदा शायर हैं मेरे जनाब आलोक श्रीवास्तव अपनी दोस्ती निभाने आये गुरु जी के लिए ! वाह क्या मित्रता है सच में दोनों का मिलना ऐसा था, कि उनकी मित्रता की कसमें खाई जा सकती हैं ! और गुरु जी के कहने पर कि अरे तुम इतनी व्यस्तता में कैसे आये के जवाब में आलोक जी का कहना की आप मेरे सम्मान समारोह में ४० किलो मीटर चल कर आ सकते हैं, तो मैं तो यही रहता हूँ ... वाह क्या मित्र है !
सच में आज के समय में बहुत कम देखने को मिलता है ! कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद सीधे नई दिल्ली स्टेशन के पास गए क्यूंकि दूसरे दिन के अहले सुबह उन्हें वापसी करनी थी, इसलिए एक होटल में कमरा बुक किया और फिर तैयार हो गए समीर लाल जी के सपुत्र की शादी में जाने के लिए ! गुरु जी ऐसे तैयार हुए की हम जैसे नवजवान देखकर रश्क करें , इस उम्र में ये कमाल, कि कोई नव युवती मेरे तरफ तो किसी भी सूरत में न देखे उनके साथ रहने पर, और हुआ भी यही शादी में मैं तो यही देख रहा था,कि कितनी उन्हें देख रही हैं ! वाकई बहुत हैण्डसम गुरु जी लग रहे थे ! :) समीर लाल जी के यहाँ सभी
से मुलाक़ात हुई अनुराग जी (स्मार्ट इंडियन), राजीव तनेजा ,और अपने गुरु कुल के ही श्री दिगंबर नसवा जी और उनकी धर्म पत्नी जी से , ये दोनों वाकई बहुत भद्र हैं, फिर मुलाकात हुई श्री कुंवर बेचैन साब से ! इन सभी चमत्कृत मुलाकातों के बाद भोजन का आनंद लिया गया जिस में गुरु जी की पसंदीदा कुल्फी और मेरा जलेबी के साथ राबड़ी उफ्फ्फ्फ़ मजा आ गया ! विदा होने के बाद फिर वापस स्टेशन लौट आये हम सभी चूँकि मेरी तबियत अन्दर से बहुत खराब हो रही थी कारन की पिछले चार रातों से ठीक से सोया नहीं था !
सुलभ के साथ गुरु जी को होटल छोड़ मैं भरी मन से घर की तरफ चला जैसे जैसे मैं कोहरे में होता गया पुराना साल भी ख़त्म होने के लिए अलविदा कह रहा था ! जाते जाते ऐसी ख़ुशी दे गया यह साल जो स्मृति पटल पर हमेशा हमेशा के लिए ज़िंदा रहेगा !
उसी साल में अपने सबसे चहेते शाईर डा . बशीर बद्र , जनाब बेकल उत्साही ,जनाब राहत इन्दौरी ,नुसरत दी ,आज के सबसे चर्चित कवि कुमार विश्वास , कवि सम्राट राकेश खंडेल वाल , श्री नारायण कसाट, कुंवर बेचैन साब और फिर आखिर में समीर लाल जी से मुलाक़ात ... अब तो अपनी खुशनसीबी पर भी रश्क ना करूँ तो क्या करूँ ... सच उस साल एक भी कमाल की ग़ज़ल ना कह पाने का जो दुःख था मेरे मन में वो इन सभी से मिलकर इतनी ख़ुशी में बीता कि क्या कहूँ ! सलाम करता हूँ उस साल को ... बधाई देता हूँ आप सभी को इस नए साल की और अपने पूरे गुरु कुल को भी !

अर्श

27 comments:

  1. आपको तथा आपके पूरे परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  2. आप को ओर आप के परिवार को इस नये वर्ष की शुभकामनाऎं

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  3. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।

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  4. अच्छा लगता है उनसे मिलकर जिनसे मिलना एक सपना होता है .
    आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

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  5. गुणीजनों से मुलाकात हमेशा प्रेरणा देती है...
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  6. इस बीते साल कोई कमाल की ग़ज़ल नहीं कह पाये तुम? चलो, जिद करते हो इस बात की तो मान लेता हूँ....हा! हा!!

    गुरूदेव के साथ बीती संध्या का वर्णन और फिर उस सीहोर वाले मुशायरे का जिक्र मुझे जलाने के लिये किया गया मजाक था अगर तुम्हारा, तो मुझे ये मजाक पसंद नहीं आया...

    खैर, नये साल की हार्दिक शुभकामनायें बबूआ! पिछली साल की कमाल की ग़ज़लों के अलावा इस साल और कमाल लिखो और एक दुल्हनियाँ ठो से हो लै आओ!

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  7. वो raat hamaari ही yaadgaar raat thee ... आपको नया साल बहुत बहुत मुबारक ....

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  8. इतनी विस्तरित रिपोर्ट क्या हमे जलाने के लिये लिखी? अच्छा ते मेरे भाई से रश्क करते हो? अरे कमाल का व्यक्तित्व है उन पर नही मरेंगी लडकियाँ तो किस पर मरेंगी? मगर मेरा भाई बहुत शरीफ है वो किसी की तरफ नज़र उठा कर भी नही देखता। चलो इन यादगार पलों के लिये सभी को बधाई।

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  9. ha ha ha
    gautam bhaiya ki baat par ek hee baat kahataa hoon

    "aameen"

    apani baat kahane ke liye fir aataa hoon

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  10. अर्श भाई, मुझे आप पे गर्व है (रश्क नहीं) कि आप इन स्वर्णिम पलों के साक्षी बने.
    वो खूबसूरत लम्हें जिनके बारे में सोचकर ही रोमांच भर आता है उनका हिस्सा बनना तो सच में, किसी खुशनसीब की किस्मत ही होगी.
    गया साल इतने अच्छे से विदा हुआ कि आगे आने वालें साल की नीव मजबूत कर चुका है, मेरी शुभकामनाएं आप के साथ है कि इस साल जैसा कि आप कह रहे हैं कि आप कमाल की ग़ज़लें नहीं कह पाए वो तमन्ना इस साल पूरी हो और आप की कलम से ढेरों बेमिसाल ग़ज़लें निकलें.

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  11. वाह आपकी पोस्ट पढ़कर ऐसा लगा कि हम भी समीर भाई के सुपुत्र की शादी में हो लिए और उन सभी शक्सीयतों से मिल लिए जिनका आपने ज़िक्र अपनी पोस्ट में किया है। आपके इस मधुर अनुभव के लिए आपको बधाई और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  12. आपके इस मधुर अनुभव के लिए आपको बधाई

    शुभ कामनाएं

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  13. Accha Anubhav hai .share kerne k liye shukriya

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  14. बहुत सुन्दर अच्छी अभिब्यक्ति
    बहुत बहुत धन्यवाद

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  15. बेहद खुबसूरत और यादगार शाम का सुन्दर चित्रण. आदरणीय पंकज जी को इस महान उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई .
    regards

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  16. सच्ची लगन हो तो सपने साकार होते देर नहीं लगती .....

    आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये

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  17. बेहद खुबसूरत और यादगार शाम का सुन्दर चित्रण

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  18. अत्यंत प्रभावी रचना

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  19. बेहद खुबसूरत और यादगार शाम का सुन्दर चित्रण| धन्यवाद|

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  20. वाह भैया अर्श
    हो रहा है हर्ष
    देखकर पोस्‍ट
    बढि़या उत्‍कर्ष
    हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग का वेलेंटाइन डे है आज

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  21. :)

    वाह......!!

    नए नए फोटो-शोटो....
    हम ने भी कितना मिस किया सब कुछ....मुफलिस जी (सोरी.. दानिश जी )के ब्लॉग पर तुम्हारा कमेन्ट देखते ही बटन दबा दिया ''अर्श'' पर ... उससे पहले पहली मुलाक़ात याद हो आई थी...कनात प्लेस में...
    जानकर अच्छा लगा कि अपनी ही तरह तुमने भी इस साल कोई कमाल की ग़ज़ल नहीं कही है....दुल्हन वाली बात पर मेज़र साब( सोरी...लेफ्टिनेंट... ) के साथ हैं हम भी...

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  22. अरे, यह पोस्ट तो हम आज देख रहे हैं.

    उस दिन आप सबके आने से कार्यक्रम की शोभा बढ़ गई. बहुत आभारी हूँ. निश्चित ही ज्यादा समय न दे पाने का दर्द तो है ही.

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  23. आपका अनुभव और अपने चेहते साथी रचनाकारों से मुलाकात और समीर लाल जी के बेटे की शादी में आप सब मिले... समझ आता हैहै अपनों से मिलना कैसी उपलब्धि है जिन्हें हम लेखों से जानते है जब रूबरू होते है तो बेहद खुशी ..... उन क्षणों पर ये सुन्दर लेख और ब्लॉग मैंने चर्चामंच पर रखा है आज ... आप वहाँ और अमृतरस ब्लॉग में आ कर अपने विचारों से अनुग्रहित करें सादर

    http://charchamanch.blogspot.com/2011/03/blog-post_04.html
    http://amritras.blogspot.com

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  24. बार-बार आता हूं, बार-बार पढता हूं और हर उस क्षण का अहसास पा लेना चाहता हूं जो आपने जिया। मुलाकातें, बाते कैसी रही होंगी, सोच सकता हूं किंतु वे क्षण कैसे उल्लास के साथ जियें होंगे इसका अनुभव सोच कर रोमांचित हो रहा हूं। किस्मतवाले हैं आप। ईश्वर कृपा बरकरार रखे।

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आपका प्रोत्साहन प्रेरणास्त्रोत की तरह है,और ये रचना पसंद आई तो खूब बिलेलान होकर दाद दें...... धन्यवाद ...